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देहरादून, पिथौरागढ़ क्षेत्र के वन विभाग में भ्रष्टाचार के मामले में 20 अफसरों के खिलाफ 23 विभागीय जांच की फाइलें फिर से खोली गई हैं। इन जांचों का मुख्य उद्देश्य भ्रष्टाचार, अवैध कटाई, अधिक आय से संपत्ति, वित्तीय अनियमितता, और जन प्रतिकूल आचरण जैसे आरोपों की परीक्षण करना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश पर वन विभाग ने इन लंबित जांचों की फाइलें सीएम कार्यालय को सौंप दी है। इस जांच के अंतर्गत 11 भारतीय वन सेवा के अधिकारियों और 9 अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। जांच में शामिल अफसरों के खिलाफ उपयुक्त सबूतों और शून्य साक्ष्यों का संग्रह किया जा रहा है ताकि निष्पक्ष और विश्वसनीय निर्णय लिया जा सके।
जांच के तहत, दो आईएफएस (भारतीय वन सेवा) अफसर और एक रेंजर जिन्होंने सेवानिवृत्ति कर ली है, पर मुकदमा चल रहा है। तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी का नाम भी इस जांच के अंतर्गत शामिल है।
इन आरोपियों के खिलाफ जांचें भ्रष्टाचार के आरोप में हैं, जिन्हें अभी आधिकारिक तरीके से साबित नहीं किया गया है। इसके अलावा, कुछ आरोपियों ने आरोपपत्र का जवाब अभी नहीं दिया है। जांच अधिकारियों को जांच रिपोर्ट को तेजी से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।