मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी उत्तराखण्ड में निवेश को तेजी से बढाना प्रदेश सरकार की पहली प्राथमिकता
प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सभी विभागीय सचिवों से विशेष ध्यान देने की अपील की है कि वे इन्वेस्टर्स समिट के आगामी आयोजनों को सुनिश्चित करें, ताकि विभिन्न परियोजनाओं का अच्छा ग्राउंडवर्क तय हो सके। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ावा देना सरकार की उच्चतम प्राथमिकता है।
आज मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में आयोजित बैठक में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से जुड़े विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वे विभागों की बनाई जा रही नीतियों को और भी अच्छी तरह से समझें और उनमें कोई भी सुधार की आवश्यकता हो, तो वह जल्दी से प्रस्तावित करें।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों को सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए हैं कि इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत से पहले विभिन्न परियोजनाओं के तहत काम की अच्छी तरह से जमीनवर्क तैयार हो जाए। राज्य में निवेश को तेजी से बढ़ाने के लिए सभी विभागों के सचिवों को नियमित रूप से अधिकारियों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सभी विभागों के लैंड बैंक पोर्टल के माध्यम से प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग करें और निवेश के लिए जरूरी भूमि का सही उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जल्दी से प्रोजेक्ट्स को ग्राउंडिंग करने का निर्देश भी दिया है। राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों का क्रियान्वयन सुनियोजित तरीके से हो। इसके साथ ही निवेशकों को सभी आवश्यक अनुमतियां समय पर मिलने का सुनिश्चित किया जाए।
राज्य में निवेश बढ़ाने के लिए पर्यटन, कृषि, मैन्युफैक्चरिंग, स्वास्थ्य, आयुष, शहरी विकास, ऊर्जा आईटी, खेल, स्किल डेवलपमेंट एवं तकनीकी शिक्षा, उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा, परिवहन एवं अन्य क्षेत्रों में विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की। उन्होंने सभी सचिवों को निर्देश दिये कि कार्यों में और तेजी लाने के लिए अपने विभागों के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविद सिंह ह्यांकी, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विजय कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चैधरी, डॉ. एस.एन. पाण्डेय, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, महानिदेशक उघोग रोहित मीणा और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।