दो खालों सहित 35 किलो हड्डियां बरामद, पिता-पुत्र सहित तीन गिरफ्तार
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उत्तराखंड एसटीएफ, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो दिल्ली, और तेराई केंद्रीय वन विभाग रुद्रपुर (टांडा) की संयुक्त टीम ने वन्यजीव तस्करी के खिलाफ अपने प्रयासों में एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की। टीम ने सफलता पूर्वक तीन वन्यजीव तस्करों को गिरफ्तार किया, जिसमें एक पिता-पुत्र जोड़ा शामिल है, जो वन्यजीव अंशों के अवैध व्यापार में शामिल थे। इन आरोपितों के पास दो बाघ की खालें, 35 किलो वजन की हड्डियां, और उनकी वन्यजीव तस्करी में प्रयुक्त ट्रक और मोटरसाइकिल थी।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि राज्य में वन्य जीव अंशों के अवैध व्यापार के मुद्दे का सामना करना पड़ रहा था। हाल ही में, एसटीएफ को सूचना मिली कि तीन धूर्त वन्यजीव तस्कर काशीपुर से रुद्रपुर की ओर एक ट्रक और एक मोटरसाइकिल के साथ आ रहे हैं, जिनमें वन्यजीव अंश भी हो सकते हैं। इस सूचना के आधार पर, एसटीएफ, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो दिल्ली, और तेराई केंद्रीय वन विभाग रुद्रपुर (टांडा) की संयुक्त टीम ने बाजपुर-दोराहा हाइवे पर गाड़ी को रोक लिया।
जाँच के दौरान, गाड़ी से दो बाघ की खालें और भारी मात्रा में हड्डियां मिलीं। गिरफ्तार किए गए तस्करों ने अपना नाम शमशेर सिंह, कुलविंदर सिंह, और जोगा सिंह बताया, जो शिव कॉलोनी सर्वरखेड़ा, थाना जसपुर, उधम सिंह नगर के निवासी हैं। इनके बारे में जानकारी मिलने पर पता चला कि ये तीनों प्रसिद्ध वन्यजीव तस्कर हैं, जो काफी समय से उत्तराखंड और सीमावर्ती उत्तर प्रदेश में गतिव
िधि कर रहे थे। इस साल के जुलाई महीने में, इस गैंग से जुड़े 7 सदस्यों को भी एसटीएफ द्वारा एक बाघ की खाल के साथ गिरफ्तार किया गया था।
परिवर्तन किये गए कुछ सामग्री: टीम की संयुक्त टीम के रूप में उत्तराखंड एसटीएफ, वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो दिल्ली, और तेराई केंद्रीय वन विभाग रुद्रपुर (टांडा) शामिल थे। इसलिए, जानकारी में कुछ बदलाव किए गए हैं।