ऋषिकेश में घूमने की जगह

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Rishikesh mein ghumne ki jagah -ऋषिकेश में घूमने की जगह

Rishikesh mein ghumne ki jagah-
ऋषिकेश उत्तराखंड के देहरादून जिले में स्थित होने के नाते, भारत की स्वर्गीय पहाड़ियों और माँ गंगा के पावन तटों पर बसा एक दिव्य पहाड़ी शहर है। यह जगह न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर है, बल्कि यह आध्यात्मिकता का भंडार और रोमांच का खजाना भी है। ऋषिकेश ने अपने प्राचीन इतिहास, भारतीय संस्कृति, और पौराणिक कथाओं के साथ एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है।इसे हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है, और यह योग और ध्यान के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ के वन्दनीय पर्वतीय दृश्य आपको अपनी प्राकृतिक खूबसूरती में मग्न कर देंगे। रिषिकेश में तेरहाटी वाले बाबा के आश्रम ने योग और आध्यात्मिक अध्ययन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया है, जहाँ आप अपने आत्मा को खोज सकते हैं।ऋषिकेश के जीर्णोद्धारण आश्रम का समर्थन करने से, आप पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को दिखा सकते हैं, और इस प्रशासनिक उपक्रम के माध्यम से आपका योगदान हो सकता है।ऋषिकेश की वशिष्ठ गुफा, जो वृक्षों और गुफाओं के बीच छिपी है, आपको एक शांत और आध्यात्मिक अनुभव का आनंद देती है।

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ऋषिकेश में घूमने की जगह तेरा मंजिल मंदिरrishikesh mein ghumne ki jagah Tera Manzil Temple

Tera Manzil Temple

तेरा मंजिल मंदिर, जिसे त्र्यंबकेश्वर मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, ऋषिकेश में एक अद्वितीय स्थल है जो पर्यटकों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है। इस मंदिर की विशेषता उसकी आदर्श वास्तुकला में है, जो सभी आगंतुकों का ध्यान खींचती है। यह तेरह मंजिल की इमारत है, जो पवित्र गंगा नदी के किनारे पर स्थित है। आप इस मंदिर को लखमन झूला से स्पष्ट दृष्टि से देख सकते हैं, और यहाँ पूजा आराधना करने के लिए एक आदर्श स्थल है। तेरा मंजिल मंदिर ऋषिकेश के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और आपकी यात्रा को और भी महत्वपूर्ण बना सकता है।

ऋषिकेश में लोकप्रिय जगह वशिष्ठ गुफा –rishikesh mein ghumne ki jagah Vashistha Cave

वशिष्ठ गुफा, ऋषिकेश का एक प्राचीन गुफा है जो एक अत्यंत महत्वपूर्ण पौराणिक कथा के साथ जुड़ी हुई है। इस गुफा का संबंध ऋषि वशिष्ठ और उनकी पत्नी से है, जिन्होंने यहां तपस्या की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, ऋषि वशिष्ठ ने अपने पुत्र की मृत्यु के बाद गंगा नदी में आत्महत्या करने का निर्णय लिया था, लेकिन देवी गंगा ने उनका माना कर दिया। इसके बाद, उनकी पत्नी अरुंधति ने इस स्थल को चुना और यहीं रहने का निर्णय किया।

वशिष्ठ गुफा एक प्राकृतिक गुफा है, जिसका गहराई में लगभग 60 फीट का अद्वितीय आकार है, और इसे पहुंचने के लिए आपको लगभग 200 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। इस गुफा के पास एक छोटा सा आश्रम भी है, जिसे स्वामी पुरुषोत्तमानंद आश्रम के नाम से जाना जाता है। यह स्थल ऋषिकेश में एक लोकप्रिय ध्यान और तपस्या केंद्र है और ऋषिकेश में घूमने के लिए एक आदर्श स्थल है, जो पौराणिक धार्मिक और आध्यात्मिक धारणाओं के साथ जुड़ा हुआ है।

ऋषिकेश में घूमने की जगह नीलकंठ महादेव मंदिर – Rishikesh mein ghumne ki Jagah Neelkanth Mahadev Temple

ऋषिकेश शहर से लगभग 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नीलकंठ महादेव मंदिर एक प्राचीन और पवित्र मंदिर है जो मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 1330 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है, और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और आत्मिक माहौल ने इसे एक प्रमुख तीर्थस्थल बना दिया है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वह स्थान है जहाँ भगवान शिव ने देवताओं और असुरों के सहयोग से समुद्र मंथन किया था और अमृत प्राप्त किया था। इस समय जब अमृत निकला तो उसका पीने वाला गला नीला हो गया, और इसी कारण भगवान शिव को “नीलकठ महादेव” कहा गया।

नीलकंठ महादेव मंदिर का दर्शन करने के लिए यहां पहुंचने के लिए एक प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यात्रा की जा सकती है। इस जगह पर आपको शांति और आध्यात्मिकता का अनुभव होगा, और आप अपने मन को प्रशांति और सकारात्मकता की ओर ले जा सकते हैं। नीलकंठ महादेव मंदिर के पास कुछ प्राकृतिक सौंदर्य स्थल भी हैं, जिनमें नीलकंठ आश्रम और आपत्ति गुफा शामिल हैं, जो आपकी यात्रा को और भी रोमांचक बना सकते हैं।

इस धार्मिक और ध्यान केंद्र के रूप में, नीलकंठ महादेव मंदिर ऋषिकेश में घूमने के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है और यहां के प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक माहौल ने इसे एक आदर्श स्थल बना दिया है, जो आपकी यात्रा को यादगार बना सकता है।

ऋषिकेश में देखने की जगह परमार्थ निकेतन आश्रम – Rishikesh mein Dekhne ki Jagah Parmarth Niketan Ashram

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परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश का एक प्रसिद्ध आश्रम है जो पवित्र गंगा नदी के तट पर हिमालय की गोद में स्थित है। यह आश्रम ऋषिकेश में सबसे बड़ा है और इसमें लगभग 1000 कमरे हैं, जो यात्रीगणों के आत्मीय और आध्यात्मिक अनुभव के लिए उपयुक्त हैं।

यह आश्रम 1942 में स्वामी शुकदेवानंदजी महाराज द्वारा स्थापित किया गया था और यहां पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए धार्मिक गतिविधियों का आयोजन होता है। इसके अलावा, यह आश्रम अपने शांत वातावरण और स्वच्छता के लिए भी प्रसिद्ध है, जो यहां आने वाले भक्तों और सैलानियों को आकर्षित करता है।

यहाँ पर विभिन्न आध्यात्मिक और धार्मिक गतिविधियाँ आयोजित होती हैं जो यात्रीगण को आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं। इसके अलावा, यहाँ पर विभिन्न योग शिविर और आध्यात्मिक कार्यशालाएँ भी आयोजित की जाती हैं।

ऋषिकेश में धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में आने वाले यात्रीगणों के लिए परमार्थ निकेतन आश्रम एक आदर्श स्थान है जो वे अपनी यात्रा को अद्भुत और यादगार बना सकते हैं।

ऋषिकेश में घूमने की जगह ऋषिकुंड – Rishikesh mein Ghumne ki Jagah Rishikund

रिषिकुंड, ऋषिकेश का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और इसे “ऋषि का तालाब” के अर्थ में जाना जाता है। यह प्राकृतिक गर्म पानी का झरना है, जो त्रिवेणी घाट के पास स्थित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान इस पवित्र तालाब में स्नान किया था। इसलिए ऋषिकुंड स्थल भगवान राम के तपस्या और आध्यात्मिक साधना का सक्षात गौरव है।

यह स्थल ऋषिकेश में एक प्रमुख धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का है और यहां के पर्यटक और यात्री इस तालाब के पावन जल में स्नान करने के लिए आते हैं। ऋषिकुंड का ताजगी भरपूर वातावरण और प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ हिन्दू धर्म के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संबंधों के लिए भी प्रसिद्ध है।

आप अगर ऋषिकेश की यात्रा पर हैं, तो बिना संदेह किए ऋषिकुंड जरूर जाएं, जो यहां के पर्यटकों और यात्रिगण के लिए धार्मिक और आध्यात्मिक अनुभव को और भी अद्भुत बना सकता है।

ऋषिकेश में घूमने की जगह बीटल्स आश्रम – Rishikesh me in Ghumne ki Jagah Beatles Ashram

Rishikesh me Ghumne ki Jagah Beatles Ashram

रिषिकेश में बीटल्स आश्रम, जिसे अब आमतौर पर “बीटल्स आश्रम” के रूप में जाना जाता है, एक प्रमुख पर्यटन स्थल है जो शहर के केंद्र से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह आश्रम राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के बीच में स्थित है और पर्यावरण के अनुकूलता का एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है।

पहले इसे “महर्षि महेष योगी आश्रम” के नाम से जाना जाता था, लेकिन बीटल्स बैंड के यहां अपने आध्यात्मिक और शांति की तलाश में आने के बाद, इस आश्रम का नाम बदल गया और यह “बीटल्स आश्रम” के रूप में प्रसिद्ध हो गया।

बीटल्स आश्रम अक्सर इतिहास और आध्यात्मिक अनुभव के प्रेमियों को और भी ज्यादा आकर्षित करता है, और यहां के पर्यावरण में समाहित होकर वे एक महान अनुभव प्राप्त कर सकते हैं। बीटल्स आश्रम ऋषिकेश यात्रा कार्यक्रमों के सबसे अद्वितीय और मनोहारी स्थलों में से एक है, जो आपको अपने आत्मिक और आध्यात्मिक सफर में अत्यधिक प्राप्ति दिलाने के लिए बुलाता है।

ऋषिकेश में घूमने की जगह नीरघर जलप्रपात – Rishikesh me in Ghumne ki Jagah Neer Ghar Waterfall

नीरघर जलप्रपात, ऋषिकेश के हरे भरे जंगलों में सुरम्य रूप से बसा हुआ है और यह अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है जो पर्यटकों को आकर्षित करता है। इस शानदार जलप्रपात का गिरना, जिसकी ऊंचाई लगभग 25 फीट है, आपको एक अद्वितीय और रमणीय दृश्य प्रस्तुत करता है। नीरघर जलप्रपात, ऋषिकेश के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में से एक है और आपको वहां के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है।

यह जलप्रपात लक्ष्मण झूला से लगभग 2 किलोमीटर उत्तर में स्थित है और आपको वहां पहुंचने के लिए एक खुदकुशी पैदल यात्रा का आनंद लेना पड़ता है। इसका मार्ग हरे भरे जंगलों के बीच से होता है, जिससे आपको एक प्राकृतिक सौंदर्य और शांतिपूर्ण वातावरण का अनुभव होता है। नीरघर जलप्रपात ऋषिकेश में घूमने के लिए एक अद्वितीय और मनोरम स्थल है, और यहां का दर्शन करके आप प्राकृतिक खूबसूरती के साथ अपने मन को शांति और प्रसन्नता से भर सकते हैं।

ऋषिकेश में घूमने की जगह लक्ष्मण झूला – Rishikesh mein Ghumne ki Jagah Lakshman Jhula

Rishikesh me Ghumne ki Jagah Lakshman Jhula

लक्ष्मण झूला, ऋषिकेश का प्रमुख और सबसे लोकप्रिय आकर्षणों में से एक है, जो गंगा नदी के दो किनारों पर बसा हुआ है। यह निलंबन पुल, जिसका निर्माण बर्ष 1939 में हुआ था, उस समय की यादों की तरह आज भी आत्मा को प्राचीन भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का साक्षात्कार कराता है।

लक्ष्मण झूला का नाम उस गाथा से जुड़ा है जब भगवान लक्ष्मण ने एक रस्सी पर खड़े होकर गंगा नदी को पार किया था। इस आदर्श स्थल पर, आप गंगा के निर्मल जल में विचरण का आनंद ले सकते हैं और भगवान लक्ष्मण की तरह आत्मा को शुद्धि प्राप्त कर सकते हैं।

लक्ष्मण झूला नदी से लगभग 70 फीट की ऊंचाई पर फैला हुआ है और यहां से आपको गंगा नदी के आपार दृश्य का आनंद मिलेगा। यह स्थान हर धर्मिक और आध्यात्मिक यात्री के लिए एक आश्चर्यजनक तात्कालिक अनुभव है और ऋषिकेश की यात्रा में उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण लम्हों में से एक को यादगार बनाता है।

ऋषिकेश में घूमने की जगह त्रिवेणी घाट – Rishikesh mein Ghumne ki Jagah Lakshman Jhula

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त्रिवेणी घाट, ऋषिकेश का वह धार्मिक स्नान स्थल है जो हिमालय के गोद में बसा हुआ है और इसे ऋषिकेश के सबसे पवित्र स्थलों में से एक गिना जाता है। यहाँ के पवित्र गंगा नदी का संगम तीन महत्वपूर्ण नदियों – गंगा, यमुना, और सरस्वती के संगम स्थल पर होता है, जो आध्यात्मिक माहौल का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

त्रिवेणी घाट पर नित्य गंगा आरती आयोजित होती है, जिसे महा आरती भी कहा जाता है। इस आरती का दृश्य सदैव पर्याटकों को और आध्यात्मिक यात्रियों को आकर्षित करता है और गंगा के पावन तट पर आशीर्वाद प्राप्त करने का एक अद्वितीय अवसर प्रदान करता है।

त्रिवेणी घाट के पास कई प्रसिद्ध मंदिर भी स्थित हैं, जैसे कि गीता मंदिर और लक्ष्मीनारायण मंदिर, जो यहाँ के आध्यात्मिक और धार्मिक माहौल को और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं।

त्रिवेणी घाट का दर्शन करके पर्यटक और आध्यात्मिक यात्री इस पवित्र स्थल की महत्ता को समझते हैं और यहाँ के स्नान और पूजा से आत्मा को शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

ऋषिकेश घूमने का सही समय – Best Time to Explore ऋषिकेश in Hindi

ऋषिकेश एक ऐसा स्थल है जिसे आप साल के किसी भी समय घूम सकते हैं, लेकिन सबसे आदर्श समय फरवरी से मई के बीच होता है, जब यहां की जलवायु आपकी यात्रा को और भी आनंददायक और सुखद बना देती है।

ऋषिकेश में गर्मियों का मौसम मार्च में आरंभ होता है और जुलाई तक जारी रहता है। इन महीनों के दौरान, मौसम मध्यम गर्म रहता है और तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो ऋषिकेश में छुट्टी मनाने के लिए सबसे उपयुक्त है।

जुलाई से सितंबर तक ऋषिकेश में मानसून का समय होता है। इस समय के दौरान, शहर में भारी वर्षा होती है और इसके अलावा, मानसून के समय में भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाता है।

ऋषिकेश में सर्दियों का मौसम अक्टूबर के महीने में आता है और फरवरी तक रहता है। इन महीनों में तापमान लगभग 6 डिग्री सेल्सियस के चारों ओर होता है, जो ऋषिकेश में घूमने के लिए आदर्श समय होता है।

ऋषिकेश पहुंचने के तरीके – How to Reach ऋषिकेश in Hindi

हवाई मार्ग – वायु से: निकटतम हवाई अड्डा ‘जॉली ग्रांट हवाई अड्डा’ है, जो ऋषिकेश शहर से लगभग 35 किलोमीटर दूर है। यह हवाई अड्डा नई दिल्ली, लखनऊ, मुंबई, बेंगलुरु, और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों से सुगमता से जुड़ा होता है। यहां से आप टैक्सी या कैब का उपयोग करके ऋषिकेश पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग – ट्रेन से: निकटतम रेलवे स्टेशन ‘हरिद्वार रेलवे स्टेशन’ है, जो लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यह रेलवे स्टेशन देश के सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से सुगमता से जुड़ा होता है। यहां से पहुंचने के बाद, आप ऋषिकेश पहुंचने के लिए बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

सड़क मार्ग – रोड से: सड़क मार्ग से ऋषिकेश को देश के सभी प्रमुख शहरों से जोड़ा गया है। दिल्ली, आगरा, देहरादून, मसूरी, चंडीगढ़, केदारनाथ, गढ़वाल, हरिद्वार, आदि शहरों से ऋषिकेश के लिए सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

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